नमस्कार दोस्तों।
आज हम बात करने वाले हैं की गुजरात के Muhammad Ali Jinnah कैसे बने Pakistan के Governer General.
Muhammad Ali Jinnah का जन्म और उनकी शुरुआत
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तारीख २५ दिसंबर १८७६ काठियावाड़ इलाक़े में राजकोट ज़िले का पानेली मोटी गाँवमें जेनाबाई ठक्कर के घर पर एक बालक का जन्म हुआ नाम था Muhammad Ali Jinnah. महात्मा गाँधी के घर से ये जगह लघबघ ९५ किलोमीटर हैं. मोहन दास करमचंद गांधी की शादी माता-पिता ने विदेश जाने से पहले 13 साल की उम्र में करा दी थी और जिन्ना के माता-पिता ने भी बेटे की शादी 16 साल में इंग्लैंड जाने से पहले पानेली मोटी गाँव की ही 11 साल की लड़की से करा दी थी.इन दोनों के माता पिता को ये दर हमेशा सता रहा था की हमारे बच्चे अगर विदेश गए तो वे उधर ही शादी करके आएंगे इसीलिए माँ बाप ने उनकी शादी भारत मैं ही कर दी थी और उसके बाद ही उनको विदेश जाने के लिए अनुमति दी थी.
भारत के पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सींग ने अपनी किताब जिन्ना: इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस’में लिखा है की Muhammad Ali Jinnah का परिवार खोजा मुस्लिम था वे एक शांतातप्रिय मुस्लिम व्यापारी थे.पूंजाभाई हैंडलूम के काम से परिवार का ख़र्च चलाते थे. लेकिन पूंजाभाई के सबसे छोटे बेटे जेनाभाई ने पानेली छोड़ने का जोखिम उठाया और पास के गोंदल में चले गए.और उसके बाद व्यापर के सिलसिले से १८७५ मैं भारत के कराची शहर चले गए थे तब कराची शहर भारत मैं हुआ करता था और वो शहर मुंबई की तरह समृद्ध था.
1892 में नवंबर महीने के पहले हफ़्ते में जिन्ना फ्रेडरिक की सलाह पर कारोबार सीखने के लिए लंदन गए और यहीं उन्होंने अपने नाम में जेनाभाई से भाई हटाकर जिन्ना कर लिया
कांग्रेस से मिलने के बाद.
साल १९०६ मैं Muhammad Ali Jinnah ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जॉइन किया।तब कांग्रेस मैं उनकी छोटी मोठी तिक्तिकीया चल रही थी तब भी वो कांग्रेस का साथ नहीं चोदे थे.१९१८ मैं महात्मा गाँधी कांग्रेस के एक महँ नेता बन गए थे और उसके बाद मैं सन 1920 में जिन्ना ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। वह मुस्लिम लीग के अध्यक्ष बने। इस समय जिन्ना ने कांग्रेस पार्टी और मुस्लिम लीग के बीच मतभेदों को कम करने के लिए एक कार्यक्रम लाया। कार्यक्रम में कार्रवाई के चौदह बिंदु थे। इसलिए, यह जिन्ना के चौदह सूत्र के रूप में लोकप्रिय हो गया। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इन्हें स्वीकार नहीं किया.
Now that we are free we must spend ONE FIFTH of our national resources on EDUCATING the poor, or else each government will be more CORRUPT then the last, leading ultimately to the demise of the state.
— Muhammad Ali Jinnah.#JinnahWasRight #PakistanZindabad pic.twitter.com/FwjkACtnBF
— BMR 🇵🇰 (@RanaBasharatPK) August 15, 2021
साल १९२७ मैं लन्दन मैं गोलमेज परिषद् आयोजित की थी Muhammad Ali Jinnah वह जाना चाहते थे जिन्ना ने गाँधीजी की नीति की आलोचना की। सम्मेलन विफल रहा. जिन्ना मुस्लिम लीग से भी खुश नहीं थे। उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने फिर से इंग्लैंड में वकील के रूप में काम करना शुरू कर दिया। साल १९३४ मैं Muhammad Ali Jinnah वापस भारत आगये उन्होंने मुस्लिम लीग को फिर से संगठित किया। तब Muhammad Ali Jinnah के मन मैं भारत के मुसलमानो के लिए एक अलग देश करने का ख्याल आया।
वे ये सोचते थे की भारत मैं हिंदू और मुसलमान एक ही देश में नहीं रह सकते इसके लिए उन्होंने एक योजना बनायीं इसको पाकिस्तान प्रस्ताव और Lahore resolution भी कहा जाता है.1941 में जिन्ना ने Dawn नाम से एक अखबार की स्थापना की । इस अखबार ने मुस्लिम लीग के विचारों और राजनीतिक सोच को प्रकाशित किया।जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने दोनों योजनाओं को स्वीकार कर लिया। लेकिन, 16 अगस्त 1946 को जिन्ना ने पूर्व ब्रिटिश राज के मुसलमानों के एक अलग देश पाकिस्तान की स्वतंत्रता हासिल करने के लिए सीधी कार्रवाई की भी घोषणा की।भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के बाद वह पाकिस्तान के गवर्नर जनरल बन गये थे.इसके बाद मैं उनका काम बढ़ता गया और 11 सितंबर 1948 मैं टी बी से उनकी मृत्यु हो गयी.
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