आज पुरे ५०० साल के बाद हमारे प्रभु श्री रामजी की वापसी हो गयी हैं.Ram आये हैं,रामलल्ला की प्रतिष्ठापना के बाद क्या बोले मोदीजी?
जिन लोगोंके त्याग तपस्या से इस दिन का अवसर हम लोगोंको मिला हैं उन सभी कारसेवकोंको नमन करते हुए हम सुब लोग पूरी श्रद्धा से भक्ति से रामजी का सोहळा संपन्न हो गया.आज का ये दिन एक असामान्य दिन है क्योंकि आज उन सब लोगोंकी जीत होगयी हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए किया था, ये जीत उस प्रधानमंत्री की हैं जिसने अपने ३२ साल की तपश्चर्या पूरी की हैं.ये उनकी जीत हैं जिन्होंने प्रभु रामजी के लिए लाठिया और गोलिया खायी हैं,ये उन लोगोंकी जीत हैं जो भूके प्यासे रहकर भी राम नाम नहीं छोड़ा था.
२३ दिसंबर १९४९ को एक रात मैं थोड़े लोग श्री राम जी की मूर्ति को लेकर बाबरी मस्जिद के अंदर पहुँच गए और उन्होंने बड़े गुम्बज के निचे ही मूर्ति की स्थापना कर दी। रत भर पूजा चालू थी सुबह पूजा की आवाज सुनकर हिन्दू और मुस्लमान लोग भीड़ करने लगे पुलिस को आदेश दिए गए लेकिन पुलिसवालो ने बोल दिया की भीड़ को हम काबू नहीं कर सकते। तब ये बाद दिल्ली तक पहुँच गयी थी भारत का संविधान अभी बना नहीं था तब जवाहरलाल नेहरू ने ये बात बोली थी की कोई भी किसी के भी धार्मिक जगह को जबरदस्ती कब्ज़ा नहीं कर सकते।और उन्होंने K.K.Nayar को बोलै की मस्जिद मैं से मूर्ति को निकलकर उसे वापस चबूतरे पर रख दिया जाये पर K.K.Nayar ने अपना इस्तीफा दे दिया उन्होंने ही कोर्ट मैं राम मंदिर के लिए अर्जी लगायी थी और अब जाकर ये मंदिर संपन्न हुआ हैं. कितना कष्ट सहकर आखिर मैं रामजी अपने स्थानपर आखिरकार विराजमान हो गए
क्या बोले मोदीजी
पहले ही शब्दों मैं नरेंद्र मोदी जी ने बोलै की सदियोंकी प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आगये हैं त्याग और तपस्या के बाद हमारे राम आगये हैं। .इस शुभ घडी की उन्होंने बधाई दी.वे बोले की मैं इस क्षण को लेकर भावुक हुआ हूँ. हमारे रामलल्ला अब टेंट मैं नहीं रहे अब ये इस मंदिर मैं रहेंगे।ये पल बहुत ही अलौकिक हैं ,२२ जनवरी ये सिर्फ तारीख नहीं हैं ये नए कालचक्र का उद्गम हैं.भूमिपूजन के बाद पुरे देश मैं उत्साह बढ़ रहा था.आज से १००० साल बाद भी लोग आज की तारीख की चर्चा करेंगे।ये कितनी अच्छी बात हैं की हम सभ लोग इस पल को जी रहे हैं.ये समय सामान्य नहीं हैं ये काल के चक्र पर अंकित हो रही स्मृति रेखएं हैं. मैं हनुमानजी ,माता जानकी ,भरत सबको नमन करता हूँ.क्योंकि इनके ही आशीर्वाद से ये महँ काम पूर्ण हुआ हैं। उन्होंने और एक बात कीनरेंद्र मोदी जी बोले की मैं रामजी से माफ़ी मांगना चाहता हूँ.क्योंकि हमारी त्याग और तपस्या मैं कुछ तो कमी पद गयी होगी क्योंकि हमने इतनी सदियों मैं ये कार्य कर नहीं पाए.आज वो कमी पूरी होगयी हैं.मुझे विश्वास हैं की रामजी हमे क्षमा करेंगे। वे बोले की भारत के संविधान मैं पहले ही भगवन राम विराजमान हैं.रामजी का मंदिर भी न्यायपद्धति से बन गया हैं.पूरा देश आज दिवाली मन रहा हैं.आज शाम घर घर मैं रमज्योति प्रज्वलित की जाएगी।वे और बोले की मैंने पिछले ११ दिन मैं सागर से शरयु तक यात्रा की हैं। मैंने अलग अलग भाषा मैं रामायण सुने हैं.रामजी को मैंने भहुत मन मैं बसाया हैं क्योंकि राम तो कण कण मैं हैं.हर युग मैं लोगोने राम को लिया हैं और अपने अपने शब्दों मैं लिखा हैं.और ये रामरस निरंतर बेहटा रहेगा। आज हम उनलोगोंको भी यद् करते हैं। रामजी के सामने कितने लोगोने अपने बलिदान दिए हैं। हम उनके ऋणी रहेंगे।आजका ये क्षण भारतीय समाज के लिए हैं। ये दिवाज विजय का नहीं बल्कि विनय का भी हैं.राम नाम को लेकर मोदी जी ने कण कण मैं राम कैसे बस हैं इसकी भव्यता कितनी हैं ये समझाया। अब आगे क्या करना हैं इसके बारे मैं भी उन्होइने जानकारी दी। अगले १००० साल तब हम भारत के निर्माण की कसम कहते हैं। राम के विचार जनमानस मैं हो ये बाद उन्होने कही.नरेंद्र मोदी जी बोलै की अपने अंदर के चेतना का विस्तार करना होगा। राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार करने का वादा नरेंद्र मोदी जी ने किया।और हम सबसे ही भारत का निर्माण होगा।और उन्होंने इसका वादा भी किया। ये समय भारत का हैं और अभी भारत नहीं रुकेगए अभ भारत प्रगति करेगा।उन्होंने सबको शुभकामना दी.
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