नमस्कार दोस्तों।
साल था २००२ कर्णाटक के पूर्व कृषि मंत्री नागप्पा को Veerappan ने मर दिया था और उसके बाद ही कर्नाटक सरकार मैं हलचल चालू होगयी।और शुरू होगया Operation Cocoon क्या था Operation Cocoon कैसे हुआ Veerappan का अंत ?……inspiring fierce .कर्णाटक और तमिलनाडु सरकार ने उसके ऊपर पुरे ५ क्रोडे रुपयों का इनाम रखा तब तक इतना इनाम किसी के भी ऊपर नहीं रखा था.और इनाम रखने के बाद मैं ही कर्णाटक पुलिस और STF को खुली छूट दे दी की कुछ भी करो और Veerappan को पकड़ो।तब STF ने Veerappan के अड्डों के ऊपर दबिश डालना चालू कर दिया और एक ज़माने मैं १०० लोगोंका गैंग अब १२ से १५ आदमी तक रह गया.
क्या था Operation Cocoon कैसे हुआ Veerappan का अंत ?
Veerappan जंगलो मैं छुपता छुपता रह रहा था उसी वक्त मैं साल २ मार्च २००२ मैं तमिलनाडु मैं जयललिता की सरकार सत्ता मैं आगयी।उसके बाद ही जयललिता जी ने एक होनहार आईपीएस ऑफिसर K-Vijaykumar को STF की कमान सँभालने को दे दी. K-Vijaykumar ने अपने कार्यकाल मैं राजीव गाँधी के लिए भी काम किया था.जब उनको STF सँभालने के लिए कहा तब उन्होंने Veerappan की पूरी जानकारी निकलना चालू कर दिया। Veerappan अक्सर अपनी Video रिकॉर्ड कर कर भेजा करता था जब K-Vijaykumar ने ये वीडियो देखा तब उनको ये लगा की Virappan जब भी पढता हैं तो वो अपनी आँख की तखलिप को दर्शाता हैं तब Vijaykumar ने अपने मुखबिर से ये बात कन्फर्म कर ली। अक्सर Virappan अपनी मूंछो को कलर लगाया करता था और कलर लगाने की वजह से कुछ कलर उसकी आँखों मैं उड़ता था उसकी वजह से उसकी आँखों मैं इन्फेक्शन हुआ था.
Operation Cocoon
K-Vijaykumar ने ये बात जान ली की Virappan को आँखों की बीमारी हो गयी हैं और वो अस्पताल जाना चाहता हैं. तब विजयकुमार ने एक योजना बनायीं और इस योजना मैं उसके एक वफादार मुखबिर को शामिल कर लिया। तारीख १६ अक्टूबर २००४ को एक चाय के दुकान पर उस मुखबिर की Veerappan के आदमी से मुलाकात होगयी।और उसने मुखबिर को एक काम सौपा।काम था वीरप्पन को अस्पताल ले जाने का.
Watch to know more on execution of Operation Cocoon in our special programme Police Parakram tonight at 9 only on #DDNews pic.twitter.com/1d5UCKfzDb
— DD News (@DDNewslive) November 4, 2017
उसके बात पर मुखबिर बोलै की मैं एक एम्बुलेंस का इंतजाम करता हूँ.क्योंकि अगर एम्बुलेंस मैं ले गए तो किसी को पता नहीं चलेगा। तारीख तेह हुई. १८ अक्टूबर २००४।ये बात जब K -Vijaykumar को पता चल गयी तब उन्होंने एक प्लान बनाया जिसका नाम था Operation Cocoon. १७ अक्टूबर को STF ने पुरे रस्ते की निगरानी की और तमिलनाडु के धरमपुर जिले से १२ किलोमीटर दूर पड़ी गांव मैं.एक स्कूल के बाजू से एक रास्ता था वो जगह फिक्स की थी.
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१८ अक्टूबर को वीरप्पन एम्बुलेंस मैं बैठने के लिए चल पड़ा. उस दिन के लिए उसने सफ़ेद कपडे पहने थे.और उसने अपनी मूंछे भी काट दी थी.Veerappan अपने तीन साथियोंके साथ एम्बुलेंस की तरफ जा रहा था.एम्बुलेंस मैं एक ड्राइवर था और एक उसका साथी था जो की STF के ही अफसर भेस बदलकर बैठे थे उसमें सर्वानंद ड्राइविंग सीट पर बैठा था.इधर रात के ९:३० बजे एक ट्रक जो की गन्ने से भरा हुआ था वो सड़क के बीच मैं ही खड़ा कर दिया था आईपीएस अफसर K-Vijaykumar ने इस ट्रक को एक कोड नाम दिया था Sweet Box और उसके ही पीछे एक Lorry खड़ी कर दी थी.और उसमें STF के Commander बैठे थे उसका नाम रखा था Mobile Bunker.और एक ओमनी को स्कूल से लघबघ ३ किलोमीटर दूर खड़ा किया था उसका काम था की एम्बुलेंस आने पर बैकअप देना।सभी Commander स्कूल के छत के ऊपर अपनी पोजीशन लेके बैठे हुए थे.
The End
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