नमस्कार दोस्तों।
Chitradurga Murder Mystery घर मैं मिले ५ कंकाल।
तारीख २८ दिसंबर २०२३ चित्रदुर्ग के जिले मैं मुख्या रस्ते के करीब एक माकन जो की जर्जर स्तिथि मैं है.एक आदमी घर का दरवाजा थोड़ा खुला देखकर घरमें घुस जाता है तो अंदर का माहोल देखकर उसके पसीने छूट जाते है.वो अपने एक पहचानवाले रिपोर्टर को ये बात बताता है और वो रिपोर्टर पुलिस को फ़ोन करता है.घटनाकी जानकारी मिलते ही Chitradurga Police घटनास्तल पर पहुँच जाती हैं.घर का दरवाजा खोलती है तो उनको घर के अंदर ५ मानवी कंकाल दिखाई देते है.ये सब देखकर पुलिस जाँच करने जुट जाती है. किसके थे ये कंकाल, क्या इन्होने सामूहिक आत्महत्या की थी या किसी ने इनका Murder कर दिया था बहुत सी बाटे Police के दिमाग मैं गूँज रही थी.और Police अपनी जाँच आगे बढ़ा रही थी.
घर के अंदर का मंजर।
घर के अंदर कुल ५ मानवी कंकाल थे जिसमे रिटायर सरकारी अधिशासी अभियंता जगन्नाथ रेड्डी (85), उनकी पत्नी प्रेमा (80), बेटी त्रिवेणी (62), बेटे कृष्णा (60) और नरेन्द्र (57) के हो सकते हैं। कर्नाटक police और पड़ोसियों के मुताबिक ये घर के सदस्योंको आखिर के वक्त २०१९ मैं देखा गया था यानि आजसे लघबघ ४ साल पहले।क्या ४ साल से ये कंकाल इधर ही थे ?क्या इधर ही उन लोगोंकी मृत्यु हुई है? मृत्यु इधर ही हुई है तो लाश की बदबू पडोसियोंको क्यों नहीं आयी? क्या ये आत्महत्या हैं? ये सब सवालात के जवाब ढूंढ़ने मैं पुलिस जुट गयी थी.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम गुरुवार शाम को मौके पर गए और परिवार के परिचितों और रिश्तेदारों से बातचीत की। सभी ने दावा किया कि यह परिवार बिल्कुल एकांत जीवन जीता था और वे लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। परिवार को आखिरी बार जून-जुलाई, 2019 में देखा गया था। यह मकान हमेशा बंद रहता था। करीब दो महीने पहले सुबह की सैर के दौरान किसी ने लकड़ी का मुख्य दरवाजा टूटा देखा, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी गई।पुलिस ने ये भी बताया की घर का दरवाजा तोड़कर किसी ने अंदर के चीज़ो का जायजा लिया है.
पड़ोसियों ने बताया की ये फॅमिली किसी के साथ कोई भी बात नहीं करती थी.ये अपने अपने घर मैं ही तेहते थे.किसी ने अगर घर का दरवाजा बजाय तो भी ये जवाब नहीं देते थे.उनके घर मैं आखिर का कैलेंडर था २०१९ का. उनके घर का करंट का कनेक्शन भी बिल न भरने की वजाह से कट कर दिया था लेकिन ये सब करके किसी ने अंदर जाकर नहीं देखा था.पडोसियोंको बदबू आ रही थी तो वे ये सोचकर चुप होगये की उनके घर का कुत्ता मर गया होगा।पड़ोसियों ने ये भी बताया की उनके घर की बेटी जिसका नाम त्रिवेणी हैं उसकी शादी नहीं हुई थी इस बात का और त्रिवेणी की माँ प्रेमा एक गंभीर बीमारी से जून्ज रही थी इन सभी बातोंका टेंशन उनके ऊपर था.उनके एक रिश्तेदार ने ये बताया हैं की वे लोग वृद्धाश्रम मैं जाने वाले थे एक बार रिश्तेदारों ने फ़ोन भी किया था लेकिन लगा नहीं इसके बाद उन्होंने इनसे संपर्क भी नहीं किया।
घटना स्टाल को देखकर पुलिस ये भी कह रही है की पुरे कुटुंब ने आत्महत्या की होगी। पर आत्महत्या की होती तो सब अलग अलग क्यों थे.आत्महत्या करने के पीछे क्या वजह हो सकती है? क्या ये हत्या हो सकती हैं.एक फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया हैं की आगर एक घर मैं ५ लाशे हो तो उसकी बदबू काम से काम ५०० मीटर तक जाती हैं लेकिन इधर पडोसियोंका ये कहना हैं की हमें बदबू तो आ रही थी लेकिन इतनी नहीं थी हमें तो लगा था की घर मैं कुत्ता मर गया होगा।कुछ भी हो इस राज़ से पर्दा तभी उठेगा जब फोरेंसिक की जांच सामने आएगी तभी सभ कुछ पता चल पायेगा।
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